जानिये त्रिकोणमितीय फलन कक्षा 11 pdf download , trigonometric functions class 11 in hindi pdf solutions ?
त्रिकोणमितीय फलन (Trigonometric Function) हिंदी में वह फलन होती है जो त्रिकोणमिति (Trigonometry) के आधार पर परिभाषित होती है। ये फलन त्रिकोणमिति में विभिन्न त्रिकोणमितीय अनुपातों और संबंधों को व्यक्त करने के लिए उपयोग होती हैं।
त्रिकोणमितीय फलन कक्षा 11 pdf download
कुछ मुख्य त्रिकोणमितीय फलन हैं:
1. साइन (Sine): साइन फलन (sinθ) दिए गए कोण (θ) के साथ एक समान सीमा के विपरीत त्रिभुज में विपरीत त्रिभुज के उस निर्देशांक का मान होता है जो विपरीत त्रिभुज के तीसरे कोण के साथ सीमा पर अपनी लंबाई का अनुपात होता है।
2. कोसाइन (Cosine): कोसाइन फलन (cosθ) दिए गए कोण (θ) के साथ एक समान सीमा के त्रिभुज में अग्रभुज के तीसरे कोण के साथ अपनी लंबाई का अनुपात होता है।
3. टैंजेंट (Tangent): टैंजेंट फलन (tanθ) साइन फलन को कोसाइन फलन से विभाजित करने से प्राप्त होती है। यानी, tanθ = sinθ / cosθ।
4. कोटेंजेंट (Cotangent): कोटेंजेंट फलन (cotθ) टैंजेंट फलन का उल्टा होता है। यानी, cotθ = 1 / tanθ।
5. सेकेंट (Secant): सेकेंट फलन (secθ) कोसाइन फलन के रिकिप्रोकल (reciprocal) होती है। यानी, secθ = 1 / cosθ।
कोसेकेंट (Cosecant): कोसेकेंट फलन (cosecθ) साइन फलन के रिकिप्रोकल होती है। यानी, cosecθ = 1 / sinθ।
ये त्रिकोणमितीय फलन त्रिकोणमिति में विभिन्न गणितीय और ज्यामितिय उपयोगों के लिए उपयोग होती हैं, जैसे कोणों, समीकरणों, दूरी, ऊंचाई, और त्रिकोणमितीय समीकरणों की गणना करने में।
Angle in hindi
कोण (Angle) हिंदी में “कोण” कहलाता है। कोण दो रेखाओं के बीच बने हुए मुख्यतः विपरीत कोणों या समांतर कोणों को मापने के लिए उपयोग होता है। कोण को धातु, रेडियन या डिग्री में मापा जा सकता है।
व्यावहारिक रूप से, कोण एक द्विआधारित (bilateral) बन्धन की वजह से परिभाषित होता है, जिसमें दो रेखाएं मिलती हैं और एक गोल बिन्दु से पार होती हैं। कोण को एकाधारित (unilateral) बन्धन के तहत भी परिभाषित किया जा सकता है, जिसमें एक रेखा या रेखांतर के साथ ही संबंधित होता है।
व्यावहारिक तत्वों में, कोण को उपयोग करके घूर्णन (rotation), विमिश्रण (interpolation), दूरी की गणना (distance measurement), सांद्रता (density), वैग्यानिक गणना (scientific calculation), और ज्यामिति (geometry) में विभिन्न गणितीय और भौतिकीय गुणों को मापने के लिए उपयोग होता है।
कोणों (Angles) को मापने के लिए हिंदी में तीन प्रमुख मापन पद्धतियाँ हैं।
1. डिग्री मापन: डिग्री (Degree) कोणों को मापने की प्रमुख पद्धति है। एक पूर्ण कोण को 360 डिग्री में विभाजित किया जाता है, जहां प्रत्येक डिग्री 60 मिनटों में विभाजित होता है, और प्रत्येक मिनट 60 सेकंड में विभाजित होता है। डिग्री मापन को विशेष रूप से घटांक माप (Angular Measurement) और दृष्टांत माप (Protractor Measurement) के रूप में जाना जाता है।
2. रेडियन मापन: रेडियन (Radian) कोणों को मापने की दूसरी प्रमुख पद्धति है। रेडियन एक आयामक इकाई होती है, जो वैद्युत्तकगतता (Circularity) को मापने के लिए उपयोग होती है। एक पूर्ण कोण को 2π रेडियन में मापा जाता है, जहां प्रत्येक रेडियन π (पाई) के बराबर होता है। रेडियन मापन विशेष रूप से ट्रिगोनोमेट्री (Trigonometry) और विशेषता (Calculus) के लिए महत्वपूर्ण होता है।
3. गोल डिग्री मापन: गोल डिग्री (Gon Degree) कोणों को मापने की तीसरी प्रमुख पद्धति है। गोल डिग्री एक पूर्ण कोण को 400 गोल डिग्री में विभाजित करती है। प्रत्येक गोल डिग्री 100 डिग्री के बराबर होता है। गोल डिग्री मापन विशेष रूप से फ्रांसीसी पद्धति (French System) में प्रचलित होता है।
ये तीनों मापन पद्धतियाँ कोणों को मापने के लिए उपयोग होती हैं, और इनका उपयोग विभिन्न गणितीय और भौतिकीय विज्ञानों में किया जाता है।
त्रिकोणमितिय अभिकल्प (Trigonometric Identities) हिंदी में उन समीकरणों को कहते हैं जो त्रिकोणमिति के फलनों के बीच संबंध और समताएं प्रकट करते हैं। ये अभिकल्प त्रिकोणमिति में गुणांक (ratio) और अनुपात (proportion) के माध्यम से प्रमाणित किए जाते हैं।
कुछ मुख्य त्रिकोणमितिय अभिकल्प हैं:
1. साइन-घात समीकरण: sin²θ + cos²θ = 1
2. टैंजेंट-घात समीकरण: 1 + tan²θ = sec²θ
3. कोटेंजेंट-घात समीकरण: 1 + cot²θ = cosec²θ
4. साइन द्विगुणक समीकरण: sin(2θ) = 2sinθcosθ
5. कोसाइन द्विगुणक समीकरण: cos(2θ) = cos²θ – sin²θ
6. टैंजेंट द्विगुणक समीकरण: tan(2θ) = (2tanθ) / (1 – tan²θ)
7. साइन-समकोण समीकरण: sin(π/2 – θ) = cosθ
8. कोसाइन-समकोण समीकरण: cos(π/2 – θ) = sinθ
9. टैंजेंट-समकोण समीकरण: tan(π/2 – θ) = 1 / tanθ
10. समकोण समीकरण: sin²θ + cos²θ = 1, 1 + tan²θ = sec²θ, 1 + cot²θ = cosec²θ
ये अभिकल्प त्रिकोणमिति के विभिन्न संबंधों और फलनों को प्रमाणित करने के लिए उपयोग होते हैं। इनका अध्ययन त्रिकोणमिति के समीकरण और समीकरण समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण होता है।