संबंध और फलन pdf download in hindi , relation and function class 11 ncert solutions maths chapter 2

By   June 12, 2023

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संबंध (Relation) और फलन (Function) विभिन्न मतलबों में प्रयोग हो सकते हैं।

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1. संबंध (Relation):
– संबंध एक सेटों के बीच का सम्बन्ध होता है। यहां, सेट के सदस्यों के बीच कुछ विशेष संबंध स्थापित किया जाता है।
– संबंध को हिंदी में “रिश्ता” भी कहा जाता है। इसे वक्र ब्रेसेस ({}) में दिखाया जाता है।
– उदाहरण के लिए, A और B दो सेट हो सकते हैं। तब A और B के बीच में एक संबंध बना सकते हैं। उदाहरण के लिए, A = {1, 2, 3} और B = {4, 5, 6} हैं, तो हम एक संबंध रच सकते हैं जैसे { (1, 4), (2, 5), (3, 6) }। इसमें प्रत्येक सदस्य A के सदस्य B के साथ संबंधित है।

2. फलन (Function):
– फलन एक संबंध की एक विशेष प्रकार है जहां हर एक सदस्य के लिए सेट A के एक या एक से अधिक सदस्यों का संबंध स्थापित होता है, और हर एक सदस्य के लिए सेट B में केवल एक ही सदस्य संबंधित होता है।
– फलन को हिंदी में “कार्य” भी कहा जाता है।
– फलन को वक्र ब्रेसेस ({}) या वाक्यांशों के रूप में प्रतिष

्ठित किया जाता है। उदाहरण के लिए, A = {1, 2, 3} और B = {4, 5, 6} हैं, तो हम एक फलन रच सकते हैं जैसे f: A → B, जहां f(1) = 4, f(2) = 5, और f(3) = 6। यहां हर एक सदस्य A के सदस्य B के साथ एक-से-एक संबंधित है।

Ordered pair in hindi  

एक क्रमबद्ध जोड़ी (Ordered pair) हिंदी में “क्रमबद्ध युग्म” कहलाती है। यह दो संख्याओं, तत्वों या आइटमों का एक जोड़ी होता है, जहां क्रम महत्वपूर्ण होता है। एक क्रमबद्ध जोड़ी को वक्र ब्रेसेस के बीच दिखाया जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि हम वक्र ब्रेसेस के बीच (2, 4) लिखते हैं, तो यह एक क्रमबद्ध जोड़ी है जिसमें संख्या 2 पहले आती है और संख्या 4 बाद में आती है। इस तरह की जोड़ियों को संख्या पट्टी, नियमितीय जोड़ी या विपरीतीय जोड़ी तथा अन्य नामों से भी जाना जाता है।

Cartesian product in hindi

कार्टेशियन गुणांक (Cartesian Product) हिंदी में “कार्टेशियन गुणा” कहलाता है। यह दो सेटों के बीच एक ऑपरेशन है, जिससे एक नया सेट बनाया जाता है। कार्टेशियन गुणा का परिणाम दोनों सेट के सदस्यों के सभी संभावित जोड़ीदार तत्वों का सेट होता है।

यदि हम दो सेट A = {a, b} और B = {1, 2} लें, तो कार्टेशियन गुणा लिखा जाएगा जैसे A × B = {(a, 1), (a, 2), (b, 1), (b, 2)}। यहां प्रत्येक जोड़ी दोनों सेट के सदस्यों की एक ऑर्डर्ड जोड़ी है।

कार्टेशियन गुणा को वक्र ब्रेसेस ({}) में लिखा जाता है और उपयोग किया जाता है जब हम दो सेटों के सदस्यों के सभी संभावित जोड़ीदार तत्वों को जानना चाहते हैं।

Theorem of Cartesian products in hindi

कार्टेशियन गुणा का प्रमेय (Theorem of Cartesian Product) हिंदी में भी “कार्टेशियन गुणा के सिद्धांत” कहलाता है। इस प्रमेय का सिद्धांत कहता है कि दो सेटों के कार्टेशियन गुणा के माध्यम से मिलाए गए सदस्यों का एक नया सेट बनाया जा सकता है। इस प्रमेय को हिंदी में निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जा सकता है:

यदि A और B दो सेट हों, तो A और B के कार्टेशियन गुणा (A × B) का सेट बनाया जा सकता है, जिसके सदस्य A और B के सदस्यों की संभावित जोड़ीदार तत्व होंगे।

उदाहरण के लिए, यदि A = {1, 2} और B = {a, b} हैं, तो A × B = {(1, a), (1, b), (2, a), (2, b)} होगा। इसमें प्रत्येक जोड़ी दोनों सेट के सदस्यों की एक ऑर्डर्ड जोड़ी होगी।

कार्टेशियन गुणा का प्रमेय यह दिखाता है कि हम दो सेटों के सदस्यों के संभावित जोड़ीदार तत्वों को इस प्रकार संगठित करके नया सेट बना सकते हैं।

Mapping or Function in hindi 

मैपिंग (Mapping) और फ़ंक्शन (Function) दोनों ही हिंदी में एक ही अर्थ को दर्शाते हैं। यह एक संबंध का एक विशेष प्रकार है जहां हर एक सदस्य के लिए सेट A के एक या एक से अधिक सदस्यों का संबंध स्थापित होता है, और हर एक सदस्य के लिए सेट B में केवल एक ही सदस्य संबंधित होता है।

मैपिंग या फ़ंक्शन को हिंदी में “आवर्तक” भी कहा जाता है। इसको वक्र ब्रेसेस ({}) या वाक्यांशों के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है। आप किसी भी सेट A से सेट B के बीच एक मैपिंग या फ़ंक्शन बना सकते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि A = {1, 2, 3} और B = {a, b, c} हैं, तो हम एक मैपिंग बना सकते हैं जैसे f: A → B, जहां f(1) = a, f(2) = b, और f(3) = c। यहां हर एक सदस्य A के सदस्य B के साथ एक-से-एक संबंधित है। इसका अर्थ है कि आप A के हर सदस्य को B के सदस्य से मैप कर सकते हैं।

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